ऐसे होते हैं मां-बाप: खुद वृद्धाश्रम में हैं पर नहीं चाहते बच्चों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई

आगरा, 03 फरवरी। मां-बाप कितने भी कष्ट में हों और भले ही ये कष्ट उनके बच्चों ने ही दिये हों, पर वे अपने बच्चों का कभी बुरा नहीं चाहते। ये बात एक बार फिर उजागर हुई रेस्पेक्ट एज इंटरनेशनल संस्था द्वारा गुरुवार को यहाँ रामलाल वृद्धाश्रम में आयोजित किए गए संवाद कार्यक्रम में।
संस्था ने वृद्धजनों की खुशहाली पर इस संवाद का आयोजन किया। वृद्धाश्रम के सभी तीन सौ वरिष्ठजनों से चार सवाल पूछे गए। (1) कितने वरिष्ठजन चाहते हैं कि बच्चों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए जिसमें सजा का भी प्रावधान है? इसके उत्तर में केवल पांच ने सहमति दी। (2) कितने वरिष्ठजन अपने बेटे-बहुओं के पास वापस जाना चाहते हैं? इसके जवाब में 15 लोगों ने सहमति दी। (3) कितने वरिष्ठजन इस परिस्थिति का कारण स्वयं को मानते हैं और अपना सुधार करने को तैयार हैं? इस के जवाब में 50 लोगों ने सहमति दी। (4) कितने वरिष्ठजन मानते हैं कि उनके बच्चों का ही दोष है? इस पर करीब 100 लोगों ने सहमति दी।
इस दौरान रेस्पेक्ट एज इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. गिरीश गुप्ता ने वृद्धजनों की सेवा के लिए रामलाल वृद्धाश्रम के संचालक शिवप्रसाद शर्मा को संस्था की ओर से विशिष्ट सेवा सम्मान पुरस्कार-2022 प्रदान किया। संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. बीडी अग्रवाल ने आश्रम के वृद्धजनों को वृद्धावस्था पेंशन दिलवाने व साथ ही आश्रम के लिए उच्च चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में सहयोग का आश्वासन दिया। संस्था ने आश्रम में रह रहे रिटायर हवलदार भंवर सिंह और वरिष्ठतम महिला राजरानी गोयल का सम्मान भी किया। कार्यक्रम में उपस्थित कर्नल नायडू ने सुझाव दिया कि प्रत्येक वरिष्ठजन को नित्य योग करना चाहिए और आश्रम के कार्यों में समय व्यतीत करना चाहिए।
इससे पहले रामलाल आश्रम के अध्यक्ष शिवप्रसाद शर्मा ने संस्था के पदाधिकारियों का स्वागत किया।
उन्होंने खुशी जताई कि रेस्पेक्ट एज संस्था देश में 60 वर्षों से सेवा कर रही है। प्रकाश गुप्ता, राजेश गोयल, बृजेश कुमार पचौरी ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन दीपक अग्रवाल ने किया। 

ख़बर शेयर करें :

Post a Comment

0 Comments