आगरा में पिछले चुनावों से तीन प्रतिशत कम मतदान
सभी नौ सीटों पर कुल 60.65 प्रतिशत मतदान
आगरा, 10 फरवरी। जिले की नौ सीटों पर आज हुए विधानसभा चुनावों का मतदान प्रतिशत अपने पिछले रिकार्ड को पार नहीं कर पाया। वर्ष 2017 के मुकाबले इस बार मतदान तीन प्रतिशत कम रहा। आज दिनभर चले मतदान का प्रतिशत 60.65 रहा, जबकि वर्ष 2017 में यह 63.49 प्रतिशत रहा था।
जिला सूचना अधिकारी संजय कुमार त्रिपाठी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार दिन भर चली मतदान प्रक्रिया में एत्मादपुर क्षेत्र में 68 प्रतिशत, आगरा छावनी में 56, आगरा दक्षिण में 57.50, आगरा उत्तर में 56.40, आगरा ग्रामीण में 62, फतेहपुर सीकरी में 64, खेरागढ़ में 64.72, फतेहाबाद में 59.2 और बाह में 58.01 प्रतिशत वोट पड़े।
इससे पहले शाम पांच बजे तक जिले की सभी सीटों पर 56.4 प्रतिशत वोट पड़ चुके थे। लेकिन अंतिम एक घण्टे में इसमें तकरीबन चार प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई।
सुबह सात बजे शुरू हुआ मतदान शाम छह बजे तक चलता रहा। छिटपुट झगड़ों और मारपीट की घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा। कुछ जगहों पर फर्जी मतदान की शिकायतें भी सामने आईं। चुनावों में सबसे बड़ी समस्या ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में खराबी को लेकर रही। जिले भर में करीब 45 स्थानों पर इन मशीनों को ठीक करना या बदलना पड़ा। इसके अलावा 25 कंट्रोल यूनिटों को भी बदला गया।
मतदान में राष्ट्रहित, राम मंदिर, सुशासन, भयमुक्त वातावरण के साथ ही महंगाई, बेरोजगारी और युवाओं के लिए काम अवसर जैसे मुद्दे छाये रहे। शहरी सीटों पर जहां मतदाताओं में अपनी-अपनी पसन्द की पार्टियों को लेकर प्रतिबद्धता नजर आई तो देहात की सीटों पर जाति का मुद्दा अन्य सभी मुद्दों पर हावी नजर आया। शहर हो या देहात अल्पसंख्यकों में भी एक पार्टी विशेष के प्रति रुझान देखने को मिला। बड़ी संख्या में मतदाताओं ने प्रत्याशी के साथ-साथ उसकी पार्टी को ध्यान में रखकर वोट डाले।
सभी नौ सीटों पर चुनाव लड़ रहे 107 प्रत्याशियों की धड़कनें दिनभर बढ़ी रहीं। सभी उम्मीदवार पूरे दिन एक मतदान केंद्र से दूसरे मतदान केंद्र की दौड़ लगाते रहे। जिले की अधिकांश सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है। दो-तीन सीटों पर आमने-सामने की टक्कर दिखाई दी। सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो चुका है। इन मतों की गणना दस मार्च होगी, तभी उनका भविष्य तय होगा।
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