आगरा की नौ सीटों के दावेदारों की धड़कनें बढ़ीं


प्रत्याशियों की घोषणा के लिये चार-पांच दिन का ही समय, 14 जनवरी को नामांकन

आगरा। चुनाव आयोग द्वारा जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर दस फरवरी को मतदान का ऐलान किये जाने के साथ सभी दलों के दावेदारों में हलचल मच गई है। चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की तिथि 14 जनवरी घोषित की गई है। यानि प्रमुख दलों के पास प्रत्याशियों की घोषणा करने के लिये अधिकतम चार-पांच दिन का समय बचा है।
मुख्य दलों भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस ने अभी अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। बहुजन समाज पार्टी कुछ सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है तो कुछ पर घोषणा शेष है।
गौरतलब है कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में जिले की सभी सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया था। इस कारण इस बार भी भाजपा में इन सभी सीटों पर टिकट मांगने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। लगभग हर सीट पर 25-30 लोगों ने अपनी दावेदारी जताई है।
भाजपा के कुछ विधायकों के प्रति मतदाताओं में भारी नाराजगी है। इससे यह भी खतरा बना हुआ है कि पिछले चुनावों में जीती गईं नौ सीटों में से कुछ को भाजपा खो न दे। पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी कुछ विधायकों के खिलाफ नकारात्मक सन्देश पार्टी आलाकमान को भिजवाये हैं। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने स्तर पर भी सभी सीटों पर जीत की संभावनाओं के बारे में फीडबैक जुटाया है।
भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस चुनाव में कुछ सीटों पर प्रत्याशी बदले जाना तय है। पार्टी इस बात को अच्छे से समझ रही है कि जनता की नाराजगी वाले चेहरों को बदले बिना सफलता मिलने में शंका है। जिस प्रकार से सपा, कांग्रेस आदि दल हमलावर हैं और जनता का मूड बदलने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, उससे भाजपा नेतृत्व हर कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहता है।
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी जिले में भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। सपा मुखिया अखिलेश यादव जातिगत व क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर एक-एक सीट पर प्रत्याशी चयन पर जोर दे रहे हैं। 
बसपा का ध्यान अपने प्रतिबद्ध मतदाताओं को ध्यान में रखकर रणनीति बनाने पर है। कांग्रेस का पिछले चुनावों में प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था। ऐसे में उसकी कोशिश अपने मतों का प्रतिशत बढ़ाने पर प्रतीत होती है।
कुल मिलाकर चार-पांच दिन का सीमित समय होने के कारण हर दल के दावेदारों की धड़कनें बढ़ गई हैं। सूत्रों का दावा है कि राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों की सूची तय कर ली है, केवल उसे जारी किया जाना शेष है। दावेदार अपना नाम इस सूची में शामिल कराने के लिए अंतिम समय तक दौड़-भाग में लगे हैं।
कुछ राजनीतिक समीक्षकों का यह भी मानना है कि प्रतिद्वंद्वी पार्टी के प्रत्याशियों के नाम सामने आने के बाद कुछेक दावेदारों के नाम पर पुनर्विचार किया जा सकता है।


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