देश का 65 प्रतिशत जूता कारोबार ठप रहा



जीएसटी में टैक्स ढाई गुना बढ़ाये जाने के विरोध में व्यापक हड़ताल

आगरा। देश के जूता कारोबार में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले जिले जूता कारीगरों व व्यापारियों ने बुधवार को पूरी तरह हड़ताल पर रहते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। वे जीएसटी में जूते पर टैक्स पांच से बढ़ा कर 12 प्रतिशत किये जाने का विरोध कर रहे थे। केन्द्र सरकार ने यह बढ़ोतरी विगत एक जनवरी से ही लागू की है।
आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के आह्वान पर शहर की 25 से अधिक जूता मार्केटों की करीब चार हजार दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। जूता दस्तकारों ने भी पूरी तरह काम बंद रखा।
दोपहर में बड़ी संख्या में व्यापारी व कारीगर हींग की मंडी क्षेत्र में स्थित जूता मंडी में एकत्रित हुए और जुलूस के रूप में जिला कलक्ट्रेट पहुंचकर शू फैक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष गागन दास रामानी के नेतृत्व में एडीएम को ज्ञापन दिया। 

इस दौरान रामानी ने कहा कि जूते और कपड़े मूलभूत आवश्यकताओं में आते हैं। सरकार ने आश्चर्यजनक रूप से दोनों पर ढाई गुना टैक्स लगा दिया, गुजराती व्यापारियों और वहाँ के नेताओं के दबाव में सरकार ने कपड़े से टैक्स बढ़ोतरी वापस ले ली, किन्तु जूतों से नहीं ली। इसी के विरोध में जूता व्यापारी व कारीगर उठ खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि टैक्स बढोतरी वापस नहीं ली तो इसकी नाराजगी उसे उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में देखने को मिल जायेगी।
रामानी ने बताया कि न केवल आगरा बल्कि यूपी के अन्य शहरों के साथ ही देश के एक दर्जन से अधिक राज्यों में आज जूता कारोबारी हड़ताल पर रहे। 
रामानी ने कहा कि जूते पर जीएसटी बढ़ाए जाने से घरों में कुटीर उद्योग के रूप में जूता बनाने वाले छोटे कारोबारी और व्यापारी प्रभावित होंगे। छोटे कारखाने बंद हो सकते हैं, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और अराजकता फैल सकती है।

ख़बर शेयर करें :

Post a Comment

1 Comments

  1. बेरोजगारी और
    अराजकता फैल
    सकती है
    शहर में

    ReplyDelete